Poet : Purandara DasaLanguage : Kannada
भाग्यद लक्ष्मी बारम्मा ।
नम्मम्मा नी सौभाग्यद लक्ष्मी बारम्मा ॥०॥
Chorus
हेज्जय मेले हेज्जेय निक्कुत गेज्जे काल्गळ ध्वनिय मडुत (तोरुत) ।
सज्जन साधु पूजेय वॆळेगे मज्जिगे-ओळगिन बेण्णेयन्ते ॥१॥
(Chorus)
कनक वृष्टिय करेयुत बारे मनके मान्यद सिद्धिय तॊरॆ ।
दिनकर कॊटि तॆजदि होळेयुव जनकरायन कुमारि बेग ॥२॥
(Chorus)
अत्तित्तलगलदे भक्तर मनेयलि नित्य महॊत्सव नित्य सुमंगळ ।
सत्यव तॊरुव साधु-सज्जनर चित्तदि होळेयुव पुत्तळि गोंबे ॥३॥
(Chorus)
संखे यिल्लाद भाग्यव कोट्टु कंकण कैय तिरुवुत बारे ।
कुंकुमान्किते पंकज लॊचने वेंकटरमणन बिंकद राणि ॥४॥
(Chorus)
सक्करे तुप्पद कालुवे हरिसि शुक्रवारद पूजय वॆळगे ।
अक्करे-उळ्ळ अळगिरि रंगन चोक्क पुरंदर-विट्ठलन राणि ॥५॥
(Chorus)
हेज्जय मेले हेज्जेय निक्कुत गेज्जे काल्गळ ध्वनिय मडुत (तोरुत) ।
सज्जन साधु पूजेय वॆळेगे मज्जिगे-ओळगिन बेण्णेयन्ते ॥१॥
(Chorus)
कनक वृष्टिय करेयुत बारे मनके मान्यद सिद्धिय तॊरॆ ।
दिनकर कॊटि तॆजदि होळेयुव जनकरायन कुमारि बेग ॥२॥
(Chorus)
अत्तित्तलगलदे भक्तर मनेयलि नित्य महॊत्सव नित्य सुमंगळ ।
सत्यव तॊरुव साधु-सज्जनर चित्तदि होळेयुव पुत्तळि गोंबे ॥३॥
(Chorus)
संखे यिल्लाद भाग्यव कोट्टु कंकण कैय तिरुवुत बारे ।
कुंकुमान्किते पंकज लॊचने वेंकटरमणन बिंकद राणि ॥४॥
(Chorus)
सक्करे तुप्पद कालुवे हरिसि शुक्रवारद पूजय वॆळगे ।
अक्करे-उळ्ळ अळगिरि रंगन चोक्क पुरंदर-विट्ठलन राणि ॥५॥
(Chorus)
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